इंदौर में उत्तरप्रदेश-बिहार का गागर नींबू की प्रजाति का एकमात्र पेड़, कभी-कभी चार से पांच किलो तक वजन हो जाता है
नींबू तो आपने बहुत देखे होंगे, ढाई किलो का नींबू शायद पहली बार देख रहे होंगे। इंदौर के सुखलिया में एक ऐसे नींबू का पेड़ है, जिसमें ढाई किलो से ज्यादा वजन के फल लगते हैं। कभी-कभी चार से पांच किलो तक वजन हो जाता है। शहर में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कई लोग आते-जाते इसके वीडियो बनाते और फोटो लेते हैं। इसके बाद उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं।
असल में, ये नींबू की खास प्रजाति गागर नींबू का पेड़ है। इस प्रजाति का इंदौर में ये एक मात्र पेड़ है। सामान्य नींबू जहां 2 से 3 इंच बड़ा होता है, लेकिन ये नींबू आकार में सामान्य से कई गुना बड़ा है। ये नींबू उत्तरप्रदेश और बिहार में छठ पूजा में काम में आता है। बता दें कि मालवा-निमाड़ में गोदढ़ा नींबू भी संतरे के आकार का होता है।
20 साल पहले लगाया था
सुखलिया इलाके में रहने वाले पासपत शर्मा बताते हैं कि 20 साल पहले वह इंदौर आए थे। यह नींबू का पेड़ उनकी मां ने लगाया गया था। बिहार में पाए जाने वाला गागर नींबू जो कि उत्तर प्रदेश और बिहार में काफी प्रचलित है। अमूमन नींबू का पेड़ 5 फीट और 10 फीट का होता है, लेकिन गागर नींबू का पेड़ की ऊंचाई करीब 30 फीट है। इसमें इतने बड़े-बड़े नींबू लगते हैं, जिन्हें देखकर लोग रुक जाते हैं। यह नींबू तरबूज के बराबर होता है। इसका स्वाद खट्टा लगता है।
शर्मा परिवार के अनुसार 2 किलो से ऊपर के नींबू धीरे-धीरे पकने लगते हैं। कभी कभार किसी फल का वजन 5 किलो तक हो जाता है। पकने के बाद यह खुद नहीं गिरते हैं, इन्हें तोड़ना पड़ता है। इसमें भी मशक्कत लगती है।
तरबूज के बराबर हो जाते हैं
पासपत शर्मा का कहना है कि कई वर्षों से वह इंदौर में रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक इंदौर में और कहीं इतना बड़ा नींबू का पेड़ नहीं देखा है। कई लोग उनसे इस फल को लेने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि वे बिना रुपए लिए ये फल मांगने वालों को दे देते हैं, क्योंकि यह पूजा के काम आता है।
इसके फायदे
इसका स्वाद कुछ इस प्रकार का होता है कि इसे सीधा खाना कठिन होता है। सूखे हुए गागर का पांच ग्राम पाउडर 200 ग्राम चपाती में मिलाकर इसका सेवन करें, तो यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी हो सकता है। इसके अलावा बेकरी उत्पादों में भी इसके पाउडर का उपयोग होता है।
यह है गागर नींबू
इसका अंग्रेजी नाम है पोमेलो है। वैज्ञानिक नाम है साइट्रस मैक्सिमा है।
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