मौसम विज्ञान के तय मापदंडों के लिहाज से गुरुवार को मानसून सीजन खत्म हो जाएगा। पूरे मानसून सीजन में सिर्फ एक दिन ही भारी बारिश हुई। मौसम का यह मिजाज इस साल ठंड और गर्मी में भी रहा। सर्दी के मौसम में सिर्फ 1 दिन शीतलहर चली। गर्मी में भी सिर्फ 1 दिन ही लू चली। इस तरह तीनों सीजन में इस 1 दिन का अजीब संयोग रहा। मौसम वैज्ञानिक एवं ड्यूटी ऑफिसर पीके साहा ने बताया कि इस बार भोपाल में तीनों सीजन में यही स्थिति रही।
मौसम विज्ञान के तय मापदंडों के लिहाज से आज मानसून सीजन का आखिरी दिन
ठंड में इसी साल 27 जनवरी को रात का तापमान 5.8 डिग्री दर्ज किया गया था। यह सामान्य से 5.7 डिग्री कम था। ठंड के पूरे सीजन में सिर्फ इसी दिन शीतलहर चली।
तय मापदंड
रात का तापमान 10 डिग्री से व सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री तक कम हो। यदि तापमान 4 डिग्री या उससे कम हो जाए तो भी शीतलहर मानी जाती है।
रिकॉर्ड
1950 में फरवरी 11 फरवरी 1950 काे रात का तापमान 1.7 डिग्री पर पहुंच गया था। यह फरवरी में रात के तापमान का आॅल टाइम रिकॉर्ड है।
गर्मी इसी साल 29 मार्च को दिन का तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया था। यह सामान्य से 5.2 डिग्री ज्यादा रहा था। पूरे सीजन में सिर्फ इसी एक दिन लू चली।
तय मापदंड
जब दिन का तापमान 40 डिग्री से ज्यादा और सामान्य से 4.5 डिग्री से लेकर 6.4 डिग्री तक ज्यादा हो तो लू चलना माना जाता है।
रिकॉर्ड
21 मई 2016 को दिन का तापमान 46.7 डिग्री दर्ज किया गया था। यह भोपाल में दिन के तापमान और सबसे ज्यादा गर्मी का रिकॉर्ड है।
बारिश में
30 अगस्त को 84.2 मिमी यानी 3.36 इंच बारिश हुई। पूरे सीजन में इसी दिन भारी बारिश हुई। बाकी दिनों में कभी हल्की, मध्यम तो कभी रिमझिम बारिश हुई।
तय मापदंड
एक दिन में 64.5 मिली मीटर बारिश होना चाहिए, यानी 2.58 इंच से 115.5 मिमी यानी 4.62 इंच तक बारिश होना जरूरी।
रिकॉर्ड
2019 के मानसून सीजन में 55.12 इंच बारिश हुई थी। यह 26 साल के सीजन की सबसे ज्यादा बारिश है। इससे पहले कभी 55 इंच भी नहीं हुई।
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