नई व्यवस्था:एम्स में 10 नए काउंटर हो रहे तैयार... तीन हजार मरीजों को पर्चे के लिए रोज एक किमी लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में मरीजों को ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए रोज एक किमी लंबी लाइन में लगने की सालों पुरानी समस्या से अब राहत मिल सकती है। क्योंकि, एम्स काउंटर की व्यवस्था में बदलाव करने जा रहा है। नई व्यवस्था में काउंटर की संख्या 12 से बढ़कर 22 हो जाएगी। यही नहीं जो काउंटर अभी एक जगह हैं, उन्हें 3 स्थानों पर व्यवस्थित किया जा रहा है। ओपीडी का काउंटर वहीं रहेगा, जबकि आईपीडी और बिलिंग के साथ ही दूसरे काउंटर शिफ्ट होंगे। नई व्यवस्था अक्टूबर में लागू हो सकती है। 10 नए काउंटर्स पर बनाए जाएंगे सिर्फ आईपीडी के पर्चे आईपीडी ब्लॉक में 10 नए काउंटर बनाए जा रहे हैं। यहां आईपीडी के पर्चे बनाए जाएंगे। आयुष्मान के साथ ही बीपीएल वेरिफिकेशन का काम भी यहीं होगा। अगर जरूरी हुआ तो एंडोक्रोनोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और रेडियोथेरेपी के ओपीडी पर्चे भी यहां से बनेंगे। इसका फायदा यह होगा कि मौजूदा काउंटर जरूरत के मुताबिक ओपीडी पर्चे बनाने के लिए बढ़ाए जा सकेंगे। मरीजों के लिए तीन बार लगना पड़ता है कतार में वर्तमान व्यवस्था में ओपीडी ब्लॉक में 12 काउंटर हैं। यहां 3, 4, 6, 7 और 8 नंबर काउंटर पर ओपीडी के पर्चे बनते हैं, जबकि 11 नंबर पर आईपीडी (मरीज को भर्ती करने का पर्चा) पर्चा बनता है। 9 और 10 नंबर बिलिंग काउंटर हैं। मरीज पहले ओपीडी के पर्चे के लिए कतार में लगता है। डॉक्टर को दिखाने पर जांच की जरूरत है तो बिलिंग की कतार में लगता है। यदि भर्ती होना है तो दोबारा आईपीडी के पर्चे के लिए कतार में लगना होता है।

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