MP में छोटे बच्चे भी स्कूल के लिए रहें तैयार:स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- 9वीं से 12वीं की क्लास के दिन बढ़ाए जाएंगे; 8वीं तक की क्लास पर भी 4 दिन में फैसला

मध्यप्रदेश में अब छोटे बच्चे भी स्कूल जाने की तैयारी कर लें, क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग अगले 4 दिन में इस पर फैसला लेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है, इसलिए अब और स्कूल बंद नहीं रखे जा सकते। अगले 4 दिन में यानी 30 अगस्त तक स्कूल में बच्चे कैसे आएं और क्लास कैसे शुरू हों, इस पर निर्णय ले लेंगे। दो दिन के अंदर सभी के साथ मीटिंग कर स्कूलों को लेकर रणनीति तैयार करेंगे। अगर कोरोना की रिपोर्ट ठीक रहती है, तो सितंबर के दूसरे सप्ताह तक छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने पर विचार कर रहे हैं। इसके पीछे दो दिन पहले IIT कानपुर के पद्मश्री प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल के दावे का भी तर्क दिया जा रहा है। मनिंद्र ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अब न के बराबर है। यह प्लान तैयार किया जिला क्राइसिस मैनेजमेंट के साथ स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और प्रिंसिपल के साथ जिलों में मिलने वाले कोरोना के केस की समीक्षा करेंगे। वर्तमान में चल रही 9वीं से लेकर 12वीं तक की क्लास लगने के दिन बढ़ाए जाएंगे। यह सप्ताह में एक क्लास के लिए तीन दिन तक हो सकते हैं। 6वीं से लेकर 8वीं तक की क्लास को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। यह सप्ताह में दो दिन लग सकती हैं। सबसे अंत में सितंबर के दूसरे सप्ताह में पहली से लेकर 5वीं तक की क्लास शुरू की जा सकती है। यह एक दिन हो सकती है। अभी इस तरह स्कूल चल रहे सिर्फ 50% क्षमता के साथ 9वीं से 12वीं की क्लास लग रही हैं। 11वीं और 12वीं की क्लास सप्ताह में दो दिन है। 9वीं और 10वीं की क्लास सप्ताह में एक दिन। जहां बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है, वहां सप्ताह में एक दिन छोटे-छोटे ग्रुप में क्लास लगाई जा सकती है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी। स्कूल में कोरोना से निपटने के लिए सभी तरह के तरीके जैसे सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा। सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का 100% वैक्सीनेशन होना अनिवार्य। बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाने के साथ ही अभिभावकों को सूचना देना अनिवार्य है। स्कूल संचालकों का दबाव काम आया एक दिन पहले ही प्राइवेट स्कूल संचालक शिक्षा मंत्री से मिले थे। उन्हें भी मंत्री परमार ने जल्द ही स्कूल खोले जाने का आश्वासन दिया था। स्कूल संचालकों ने छोटे बच्चों के लिए स्कूल नहीं खोले जाने पर प्रदर्शन करने की बात कही थी। इन्हीं सब को देखते हुए अब पिछले दो साल से बंद चल रहे स्कूल सभी बच्चों के लिए खोले जाने की प्लानिंग पर स्कूल शिक्षा विभाग काम कर रहा है। दूसरी लहर की तुलना में कम गंभीर प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने इससे पहले जुलाई में रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा था कि यदि कोरोना का नया म्यूटेंट आता है, तो तीसरी लहर तेजी से फैल सकती है, लेकिन यह दूसरी लहर की तुलना में आधी होगी। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वैक्सीनेशन अभियान आगे बढ़ेगा, तीसरी या चौथी लहर की आशंका कम होगी। मध्यप्रदेश में कोरोना की 9 दिन की स्थिति प्रदेश में पिछले 9 दिनों में 11 जिलों में 71 संक्रमित और 1 मौत रिपोर्ट हुई है। इनमें सबसे ज्यादा जबलपुर में 20 नए केस और 1 मौत रिपोर्ट हुई है। वहीं, इंदौर में 19, भोपाल में 14, राजगढ़ में 8, पन्ना, रीवा और होशंगाबाद में 2-2 और ग्वालियर, सागर, रायसेन, सिंगरौली में 1-1 मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश में अब तक 7 लाख 92 हजार 103 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 7 लाख 81 हजार 508 ठीक हो चुके हैं। कोरोना से अब तक प्रदेश में 10 हजार 516 लोगों की मौत हो चुकी है। रिकवरी रेट 98.66% है।

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