कोटा से भागकर आया युवक गुना में मिला:पापा ने वाइफ के सामने डांटा तो नाराज होकर घर से भागा था, पैदल चलने से पैरों में आए छाले; छह महीने पहले हुई थी शादी
राजस्थान के कोटा जिले से एक 27 वर्षीय युवक पिता की डांट से नाराज होकर घर से भाग आया। युवक के पैरों में पैदल चलने की वजह से छाले आ गए थे। 3 दिन बाद गुना जिले के बमोरी इलाके में एक समाजसेवी को मिला। उन्होंने युवक से बात की और उसे अपने साथ वृद्धाश्रम ले आए। यहां बातों ही बातों में उससे जानकारी ली और उसका नंबर लिया। इसके बाद कॉल कर युवक के परिवार वालों को बताया। हैरान-परेशान परिजन तुरंत गुना पहुंचे और युवक को अपने साथ ले गए
समाजसेवी प्रमोद भार्गव ने बताया- एक युवक सड़क पर नंगे पैर चलता दिखा। उसने शर्ट भी नहीं पहनी थी, केवल बनियान ही पहने हुआ था। मुझे कुछ अजीब सा लगा कि इतनी सुबह इस हालत में यह युवक जंगल की तरफ कहां जा रहा है। वह बहुत परेशान भी लग रहा था। मैंने उसे रोकना चाहा पर वह नहीं रुका। इसके बाद मैंने उसे रोका और बात करने की कोशिश की। वह कुछ नहीं बोला और आगे बढ़ने लगा।
थोड़ा आगे जाकर मैंने उसे फिर रोका और उससे इस तरह जाने का कारण पूछा। फिर भी वह कुछ नहीं बोला। मुझे उसकी स्थिति काफी खराब लग रही थी, इसलिए उसे एक जगह बैठाया और अपने पास से खाने के लिए केले दिए। इसके बाद वह कुछ सामान्य हुआ, फिर भी वह बात नहीं कर रहा था। इसके बाद थोड़ा डांटने के लहजे में उससे पूछा तो उसने बताया की वह कोटा से है और उसे भी नहीं पता की वह कहां जा रहा है। इसके बाद उसे लेकर गुना स्थित वृद्धाश्रम आ गया। यहां उसे पहले नहलाया और पहनने के लिए कपडे दिए। इतनी देर में वह सामान्य हो गया था।
कुछ देर के लिए उसे सुला दिया। इसके बाद उठा तो उसे नाश्ता कराया। इसके बाद उससे कहा कि अब तो हम दोस्त बन गए हैं, तुम अपने पिता का नंबर दे दो, तो युवक ने नंबर देने से मना कर दिया। थोड़ी देर और उससे बातचीत की। इसके बाद उससे कहा की अच्छा तुम्हारा नंबर दे दो, जब मैं कोटा आऊंगा तो तुमसे फोन करके मिलूंगा। युवक इसके लिए तैयार हो गया और अपना नंबर दे दिया। थोड़ी देर बाद मैंने साइड में हटकर उसके नंबर पर फोन किया तो वह चालू था। उसके घरवालों ने फोन उठाया। वह सब लोग काफी परेशान थे। वह लोग इसे खोज रहे थे।
उन्होंने बताया की पिता ने इसे डांट दिया तो वह घर छोड़कर भाग गया। 6 महीने पहले ही युवक की शादी हुई है। पत्नी के सामने ही पिता से कहासुनी हुई और इसी बात से नाराज होकर वह भाग आया। उसे खुद को समझ नहीं आ रहा था की वह क्या कर रहा है। वह थोड़ा बेसुध सा भी हो गया था। परिवार वाले मुझसे बोले की आप इसे कुछ देर और अपने पास ही रखिए। कहीं जाने मत दीजिएगा। हम लोग जल्दी ही उसे लेने आ रहे हैं। हर 10 मिनट में उसके परिवार वाले फोन कर रहे थे कि उसे कहीं जाने मत देना। 4-5 घंटे बाद युवक के परिजन भी आ गए।
मैंने उसे बहुत अच्छे से ट्रीट किया। वृद्धाश्रम में सभी लोग राखी का त्योहार मना रहे थे, तो वहां महिलाओं ने युवक को भी राखी बांधी। उसने भी सभी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। अब तक वह सामान्य हो चुका था। उसे मैं अपने घर लेकर गया, वहां दोनों ने मिलकर साथ खाना खाया। युवक ने बताया की वह राजस्थान के कोटा जिले के खेजरा चक गांव का रहने वाला है।
युवक का नाम शकंर गुर्जर पिता सत्यनारायण गुर्जर निवासी कोटा पता चला। युवक की छह माह पहले शादी हुई थी। शंकर घर में इकलौता बच्चा है और संपन्न परिवार से है। पिता की किसी बात का बुरा मान कर वह घर से चल पड़ा था। उसने बताया की उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं कहां जा रहा हूं। इस दौरान पूरा परिवार, रिश्तेदार युवक को खोजबीन कर रहे थे। जब मैंने शंकर की वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उसके परिवार से उसकी बहन, पत्नी, मां से बात कराई तो वो सब रोने लगे। बहन ने रोते हुए बोला भैया राखी रखी है आपकी, आप घर आ जाओ।
तीन दिन तक भटका
युवक ने बताया की उसे भी ठीक से कुछ याद नहीं है। कोटा से वह बस में बैठ गया। बस ने कहीं उतार दिया। फिर कुछ दूर पैदल चला। फिर किसी गाड़ी वाले ने आगे तक छोड़ दिया। दो रात बस स्टैंड पर ही सो गया। जो मिला वह खा लिया। इसी तरह वह कभी बस से तो कभी पैदल चलते हुए गुना के बमोरी इलाके तक पहुंचा। पिता से कहासुनी के दौरान युवक ने उनसे ऊंची आवाज में बात कर ली। इसके बाद ग्लानि में आकर घर से निकल गया। इसी के चलते वह घर से भाग आया। युवक काफी बेसुध सा हो गया था। चलते-चलते उसके पैरों में छाले भी पड़ गए थे।
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