MS Dhoni Birthday Special: रन आउट से शुरू होकर रन आउट पर ही खत्म हुआ था माही का करियर, उसैन बोल्ट को भी इनसे लगता था डर
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी 40 साल के हो चुके हैं। साल 1981 में आज के दिन ही धोनी का जन्म हुआ था। धोनी अपने करियर के पहले और आखिरी मैच में रन आउट हुए थे। इसके बावजुद क्रिकेट एक्सपर्ट उन्हें उन खिलाड़ियों में गिनते हैं, जो विकटों के बीच बहुत तेजी से भागते थे। दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले एथलीट उसैन बोल्ट को भी उनसे डर लगता। बोल्ट ने ट्वीट कर कहा था कि अच्छा है कि धोनी 100 मीटर रेस में भाग नहीं लेते हैं। आइए जानते हैं इन बातों के पीछे की कहानी...
बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में रन आउट हुए थे धोनी
धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच से अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरूआत की थी। वो अपने पहले मैच में पहली ही गेंद पर ही रन आउट हो गए थे। इस करीबी मुकाबले में भारत को 11 रन से जीत मिली थी। इस मैच में धोनी गलतफहमी का शिकार हुए थे और गेंद को खेलते ही रन के लिए भाग निकले थे। बांग्लादेश के खिलाड़ियों ने तुरंत गेंद उठाकर विकेट कीपर की तरफ फेंक दी और धोनी क्रीज की तरफ लौटने की बजाय सीधे पवेलियन की राह चल पड़े थे।
अपने आखिरी मैच में भी रनआउट हुए थे धोनी
रन आउट ने धोनी का पीछा उनके आखिरी मैच में भी नहीं छोड़ा था। साल 2019 वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की स्थिति अच्छी नहीं थी। हालांकि धोनी जब तक मैदान में थे तब तक भारत की जीत की उम्मीद कायम थी। धोनी अपने अंदाज में मैच को अंतिम क्षणों तक ले जा रहे थे। इसी कड़ी में उन्हें न्यूजीलैंड के बेहतरीन फील्डर मार्टिन गुप्टिल के खिलाफ 2 रन भागना पड़ा। गुप्टिल का सटीक थ्रो सीधे स्टंप पर लगा और धोनी का बल्ला कुछ इंच पीछे रह गया। धोनी के आउट होते ही भारत की उम्मीदें भी खत्म हो गईं। इस घटना के लगभग साल भर बाद धोनी ने संन्यास ले लिया। इस बीच कोरोना के चलते धोनी ने कोई अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेला था। इस वजह से यह मैच उनके करियर का आखिरी मैच भी साबित हुआ।
धोनी को क्यों बेहतरीन रनर मानते हैं एक्सपर्ट
धोनी भले ही अपने करियर के दो अहम मैचों में रन आउट हुए हों, पर विकटों के बीच में उनसे तेज खिलाड़ी शायद ही कोई रहा हो। धोनी शुरुआत में रैना और युवराज जैसे खिलाड़ियों के साथ बल्लेबाजी करते थे और अक्सर फील्डर पर दबाव डालकर 1 की जगह 2 रन भाग जाते थे। समय के साथ उन्होंने अपने साथी बदले और यही काम जडेजा, कोहली जैसे खिलाड़ियों के साथ किया। इस दौरान जडेजा और रैना कई बार रन आउट हुए पर धोनी का बल्ला शायद ही कभी क्रीज के पीछे रहता था। अपनी इसी काबिलियत के चलते धोनी को दुनिया का सबसे बेहतरीन फिनिशनर माना जाता था। क्योंकि अंत में वो बड़े शॉट भी लगाते थे।
बोल्ट को क्यों लगता था धोनी से डर
2016 T-20 वर्ल्डकप में बांग्लादेश के खिलाफ एक मैच में धोनी ने कुछ ऐसा कर दिखाया था, जिससे दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट भी डर गए थे। इस मैच की आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को जीत के लिए 2 रन चाहिए थे। भारत के लिए ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या गेंदबाजी कर रहे थे और स्ट्राइक पर नया बल्लेबाज था। नॉन स्ट्राइक वाला खिलाड़ी रन भागने के लिए तैयार था। क्योंकि 1 रन मिलने पर भी मैच टाई हो जाता। धोनी को भी यह बात अच्छे से पता थी। इसी वजह से उन्होंने अपना ग्लव्स पहले ही उतार लिया था।
पांड्या की गेंद पर बांग्लादेशी बल्लेबाज बल्ला तक नहीं लगा सका पर दोनों बल्लेबाज रन के लिए भाग निकले धोनी ने भी गेंद पकड़ी और थ्रो मारने की बजाय सीधे विकटों की तरफ दौड़ पड़े पर बांग्लादेश के बल्लेबाज धोनी से तेज नहीं थे। कोई भी बल्लेबाज क्रीज तक पहुंचता इससे पहले धोनी ने विकेट गिल्लियां बिखेर दीं और भारत यह मैच एक रन से जीत गया। इस घटना की वीडियो जमकर वायरल हुआ था। इस दौरान धोनी की तेज रनिंग देखकर उसैन बोल्ट ने कहा था कि अच्छा है धोनी 100 मीटर रेस में भाग नहीं लेते हैं।
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