जीवन शक्ति बढ़ेगी, डेली करें ये योग अभ्यास

योगाभ्यास करते वक्त लय, गति और संतुलन का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. इसके अलावा अपनी क्षमता का भी जरूर ध्यान रखें. आज हमें कई तरह के अभ्यास दिखाए और सिखाए गए. इन आसनों को करने से बॉडी शेप में रहती है और शरीर लचीला रहता है. गैस, कब्ज और पाचन की समस्या नहीं रहती.लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि हर अभ्यास अपनी क्षमता अनुसार ही करें. किसी भी योग को करने के लिए अपने शरीर पर जबरन फोर्स न डालें. अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खुद से संकल्प लेना जरूरी है. ताड़ासन: सबसे पहले आप खड़े हो जाएं और अपने कमर और गर्दन को सीधा रखें. अब आप अपने हाथ को सिर के ऊपर करें और सांस लेते हुए धीरे धीरे पूरे शरीर को खींचें. खिंचाव को पैर की उंगली से लेकर हाथ की उंगलियों तक महसूस करें. इस अवस्था को कुछ समय के लिए बनाए रखें ओर सांस ले सांस छोड़ें. फिर सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे अपने हाथ और शरीर को पहली अवस्था में लेकर आएं. इस तरह से एक चक्र पूरा होता है. ताड़ासन योग पूरे शरीर को लचीला बनाता है. यह एक ऐसा योगासन है जो मांसपेशियों में काफी हद तक लचीलापन लाता है. यह शरीर को हल्का करता है और आराम देता है. इसके अलावा शरीर को सुडौल और खूबसूरती भी प्रदान करता है. शरीर की अतिरिक्त चर्बी को पिघालता है और आपके पर्सनैलिटी में नई निखार लेकर आता है. ग्रीवा शक्ति विकासक योगासन इस योग क्रिया को करने के लिए अपनी जगह पर खड़े हो जाएं. जो लोग खड़े होकर इस क्रिया को करने में असमर्थ हैं वे इसे बैठकर भी कर सकते हैं. जो जमीन पर नहीं बैठ सकते वे कुर्सी पर बैठकर भी इसका अभ्यास कर सकते हैं. कंफर्टेबल पोजीशन में खड़े होकर हाथों को कमर पर टिकाएं. शरीर को ढीला रखें. कंधों को पूरी तरह से रिलैक्स रखें. सांस छोड़ते हुए गर्दन को आगे की ओर लेकर आएं. चिन को लॉक करने की कोशिश करें. जिन लोगों को सर्वाइकल या गर्दन में दर्द की समस्या हो वह गर्दन को ढीला छोड़ें चिन लॉक न करें. इसके बाद सांस भरते हुए गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं. पवनमुक्तासन : पवनमुक्तासन के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को साथ में कर ले और हाथों को शरीर के साथ जोड़ लें. गहरी सांस अंदर लें और सांस छोड़ते हुए अपने दाएं घुटने को अपनी छाती के पास ले कर आएं. जंघा को हाथों से पकड़ते हुए पेट पर दबाएं. दोबारा से एक लंबी गहरी सांस ले और छोड़ते हुए अपने सर और छाती को ज़मीन से उठाएं. अपनी ठोड़ी को अपने दाएं घुटने से लगाएं. आसन में रहें और लंबी गहरी सांस लेते रहें. ध्यान दे: सांस छोड़ते हुए अपने घुटने को हाथों से कस कर पकड़ लें. छाती पर दबाव बनाएं. सांस लेते हुए, ढीला छोड़ दे. सांस छोड़ते हुए, वापस ज़मीन पर आ जाएं और विश्राम करें. गैस और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए पवनमुक्तासन अच्छा प्राणायाम है. अनुलोम विलोम प्राणायाम अनुलोम विलोम प्राणायाम: सबसे पहले पालथी मार कर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए. अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद कर दें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ दें. -अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे -फेफड़े मजबूत होते हैं -बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता. -वजन कम करने में मददगार -पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है -तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए मददगार -गठिया के लिए भी फायदेमंद. मार्जरी आसन मार्जरी आसन को अंग्रेजी में कैट पोज के नाम से बुलाया जाता है. इसे कैट खिंचाव मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है. इस आसन को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों का लचीलापन बना रहता है. मार्जरी आसन एक आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है. कैट वॉक दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन हम योग आसन वर्ग में कैट पोज के बारे में चर्चा करते हैं. यह आसन आपके शरीर के लिए अनके प्रकार से लाभदायक है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को एक अच्छा खिंचाव देता है. इसके साथ यह पीठ दर्द और गर्दन दर्द में राहत दिलाता है.

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