मानसून की बेरुखी से मध्य प्रदेश परेशान है, लेकिन सामान्य से 24% ज्यादा बारिश के कारण भोपाल में राहत है। भोपाल में 1 जून से 14 जुलाई तक 255 मिमी बारिश होनी थी पर अब तक 317 मिमी बारिश हो चुकी है। यही वजह है कि बरसात में लेक सिटी भोपाल की खूबसूरती और भी निखर गई है।
गर्मी में पीले पड़ चुके पेड़-पौधों में नई कोपलें फूट आई हैं। बाग-बगीचे हरे-भरे हो गए हैं। पहाड़ियों ने हरियाली की लंबी चादर तान ली है। हरी पहाड़ियों पर छाए सफेद बादलों को देख लगता है मानों अभी टकराकर बरस पड़ेंगे। ऊंची-नीची पहाड़ियों के बीच छोटे-बड़े तालाबों में जहां तक नजर पड़े, वहां तक पानी दिखाई दे रहा है। लहरें हवा के साथ इठला रही हैं। भोपाल के खूबसूरत नजारे दैनिक भास्कर ने आपके लिए ड्रोन कैमरे से शूट किए हैं।
भोपाल में 1 जून से 14 जुलाई तक 255 मिमी बारिश होनी थी, लेकिन अब तक 317 मिमी बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 24% ज्यादा हो चुकी है। भोपाल का बड़ा तालाब सीहोर में होने वाली बारिश पर निर्भर करता है। सीहोर में अभी सामान्य बारिश हुई है। यहां पर 260 मिमी बारिश होनी चाहिए। अभी तक 280 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य से सिर्फ 9% ज्यादा है। बड़े तालाब का जल स्तर 1666.80 फीट होना चाहिए, अभी यह 1660.30 फीट है। यानी महज 6.50 फीट कम है, जो तेज बारिश हाेते ही लबालब होने को बेताब है।
तीन डैमों की स्थिति
- कलियासोत डैम : डैम का लेवल 1659 फीट है। पांच दिन पहले तक 1644 फीट पानी भरा था।
- केरवा डैम : इसका लेवल 1673 फीट है। अभी 1651 फीट पानी भरा हुआ है।
- कोलार डैम : इससे भोपाल के करीब 50% हिस्से में जलप्रदाय होता है। इसका लेवल 1516.40 फीट है। पांच दिन पहले तक 1480 फीट पानी भरा हुआ था।
बड़ा तालाब में 1660.30 फीट लेवल, शहर के कई हिस्सों में होता है सप्लाई
बड़ा तालाब का कैचमेंट एरिया 365 वर्ग किमी है। इसमें से 225 वर्ग किमी कोलांस नदी से भरता है। इसलिए जब भी सीहोर जिले में अच्छी बारिश होती है तो कोलांस नदी में पानी आता है, जो बड़ा तालाब में पहुंचता है। जुलाई में तेज बारिश नहीं होने के कारण कोलांस नदी में पानी नहीं आया। 25 जून की स्थिति में तालाब में वॉटर लेवल 1660.30 फीट है।
अभी भी अच्छी बारिश की उम्मीद
भोपाल में 1 जून से 14 जुलाई सामान्य से 24% ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग अभी भी प्रदेश में अच्छी बारिश की उम्मीद बनाए हुए हैं। जानकारी के अनुसार जल्द ही प्रदेश में अच्छे मानसून की स्थिति बनेगी, जिससे बारिश का कोटा पूरा होगा।
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