सुधर रही आर्थिक स्थिति:गांवों की 6997 महिलाओं ने काेराेनाकाल में 2.12 लाख मास्क, 1 हजार पीपीई किट और 84 लाख स्कूल यूनिफॉर्म सिलकर कमाए 3 करोड़ 98 लाख

भोपाल जिले के गांवाें में सब्जी उत्पादन, पापड़, मसाला, झाडू निर्माण, रुई-बाती बनाने जैसे काम करने वाली महिलाओं ने काेराेनाकाल में आपदा में अवसर ढूंढ़ लिया। कोविड की पहली और दूसरी लहर में 6997 महिलाओं ने 2.12 लाख मास्क और 1 हजार पीपीई तैयार की है। ये महिलाएं शासकीय प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों के लिए 84 हजार 604 हजार यूनिफाॅर्म बना रही हैं। इसमें से 46 हजार 507 का ऑर्डर भी पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा 16 हजार 706 साबुन और 80 हजार 760 सेनेटरी पेड नगर निगम एवं आंगनवाड़ी केंद्र में वितरित किए। स्व-सहायता समूहाें से जुड़ीं महिलाएं ये महिलाएं अब तक 3.98 करोड़ रुपए कमा चुकी हैं। इन्हें मास्क, पीपीई किट व यूनिफाॅर्म बनाने के लिए मटेरियल सरकारी विभागों ने मुहैया कराया है। किल कोरोना अभियान में भी किया काम, वैक्सीन सेंटर तक लोगों को पहुंचाया इन कामों से भी की कमाई 3627 स्व सहायता समूहों में 37 हजार ग्रामीण महिलाएं जुड़ी हैं। समूह की महिलाओं के द्वारा पीपीई किट, मास्क, यूनिफार्म के अलावा आर्टिफिशियल ज्वैलरी, साबुन, हैंडवॉश, फिनाइल, चप्पल, सैनिटाइजर, अचार पापड़ समेत अन्य सामग्री बनाई जाती है। यहां भी दिया योगदान जिले की 476 पंचायतों में से प्रत्येक में 2 महिलाओं की ड्यूटी लगाई गई। इन्होंने किल कोरोना अभियान के तहत दवाई वितरण, दीवार लेखन, जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को वैक्सीन सेंटर तक लेकर आई।

Comments