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विधानसभा समिति की बैठकों से गायब नहीं हो पाएंगे अधिकारी

 


MP Vidhan Sabha: विधानसभा समिति की बैठकों से गायब नहीं हो पाएंगे अधिकारी

भोपाल विधानसभा की समितियां भी विधानसभा का लघु रूप हैं। इनका महत्व भी वैसा ही है, जैसा विधानसभा का होता है। जब इनकी बैठक होती हैं तो कई बार अधिकारियों की अनुपस्थिति की शिकायतें आती हैं। यह रवैया ठीक नहीं है। लोकसभा की तरह ऐसी प्रणाली बनाएं, जिसमें संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से आने में असमर्थ है, तो विभागीय मंत्री या मंत्रिमंडल के सचिव के अनुमोदन से सभापति को पत्र भेजा जाए। वैसी व्यवस्था यहां भी बनाएं। शिकायतों के निपटारे के लिए भी मुख्य सचिव के साथ बैठकें की जाएं। यह बात विधानसभा की नवगठित समितियों की पहली संयुक्त बैठक में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कही। उन्होंने कहा, जिस तरह याचिका समिति में शिकायतें आ रही हैं, उससे साफ है जनता का विस की ओर अधिक ध्यान आकर्षित हुआ है। समितियों की प्राथमिकता शिकायतों का निराकरण होना चाहिए। सभी समितियों में सदन के वरिष्ठ एवं अनुभवी सदस्य हैं। समिति की सिफारिशों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की, इसकी समीक्षा होना चाहिए। विभाग कार्रवाई पर प्रतिवेदन सौंपने में विलंब करते हैं तो समितियों को कार्रवाई करनी चाहिए और आवश्यक समझें तो मुख्य सचिव के साथ बैठक कर निराकरण कराएं। मैं भी ऐसी बैठक में रहूंगा।

बैठक में संसदीय कार्यमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कहा, नए सदस्यों का प्रशिक्षण समय-समय पर हो, ताकि उन्हें संसदीय ज्ञान एवं नियमों का अनुभव हो सके। सदस्यों का अध्ययन दौरे पर भी भेजा जाए। इससे उन्हें न केवल दूसरे राज्यों की व्यवस्था का ज्ञान होता है, बल्कि पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच समन्वय भी बढ़ता है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने समितियों का परिचय दिया। बैठक में बृजेंद्र सिह राठौर, कलावती भूरिया और जुगल किशोर बागरी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भी दी गई।

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