वन विहार में मादा बाघिन कमलेश की रविवार शाम मौत हो गई थी। उसने कई दिन पहले भोजन करना छोड़ दिया था। उसे पेट और लिवर में बीमारी हो गई थी। इसके अलावा किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। कमलेश की उम्र 13 साल थी। इसे इंदौर चिड़ियाघर से लाया गया था। इसका जन्म चिड़ियाघर में ही 5 अगस्त 2008 को हुआ था। इसके साथ बाघिन गंगा को भी लाया गया था।
इन्हें 9 मार्च 2017 को लाए थे। इनको भोपाल लाने का उद्देश्य टाइगर सफारी था, लेकिन टाइगर सफारी की योजना वन विहार में शुरू नहीं हो पाई थी। शार्ट पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण मल्टी ऑर्गन फेलियर आया है। वहीं दूसरी ओर वन विहार में एक तेंदुआ गंभीर हालत में रायसेन से रेस्क्यू करके लाया गया। तेंदुए के आगे के बाएं पैर में चोट लगी है। यह तेंदुआ तीन दिन से झाड़ियों में बैठा हुआ था।
2008 में हुआ था जन्म
- बाघिन कमलेश का जन्म 5 अगस्त 2008 को इंदौर के चिड़ियाघर में ही हुआ था।
- पेट और लिवर में बीमारी होने की वजह से कई दिनों से बाघिन खाना नहीं खा रही थी।
इधर, रायसेन से गंभीर हालत में रेस्क्यू करके लाए तेंदुआ
रायसेन डीएफओ अजय पांडे ने बताया कि सलामतपुर रेंज की भरतीपुर बीट में तेंदुए शिकार करके बैठा था। मैदानी अमले ने 3 दिन तक नजर रखी, पर आसपास इंसानी मूवमेंट होेने के बाद भी वह शिकार के पास बैठा रहा। उसकी हालत देखते हुए वन विहार के डायरेक्टर अजय कुमार यादव को सूचना दी। इसके बाद टीम ने पहुंचकर तेंदुए को रेस्क्यू किया।
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