कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा के लिए जयपुर के सरकारी क्षेत्र के सवाई मानसिंह अस्पताल में रोबोट तैनात किए जाने की तैयारी की जा रही है। बुधवार को अस्पताल प्रशासन ने एक रोबोट का ट्रायल करवा कर देखा है जो काफी हद तक संतोषजनक पाया गया है। जयपुर के एक रोबोेटिक्स इंजीनियर ने इन्हें तैयार किया है और अस्पताल को अभी की जरूरत को देखते हुए तीन ऐसे रोबोट निशुल्क उपलब्ध करवा रहे हैंं।
कोरोना पीड़ित मरीजों को दवा देने के लिए चिकित्साकर्मियों को बार बार उनके सम्पर्क में आना पडता है। ऐसे में चिकित्साकर्मियों के संक्रमण की आशंका बनी रहती है। इसी को देखते हुए रोबोट के इस्तेमाल की एक योजना बनाई गई है। बुधवार को इस सोना 2.5 नाम के इस रोबोट के जरिए अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीज तक पानी, दवाई आदि पहुंचाने का ट्रायल किया गया। यह काफी हद तक सफल रहा। रोबोट का संचालन कंप्यूटर के जरिए एक स्थान से किया जा सकेगा। ये रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का उपयोग करके तैयार किए गए हैं। ये सेंसर की मदद से टारगेट तक पहुंचते हैं। ये किसी भी फर्श या फ्लोर पर आसानी स ेचल सकते है। इन्हें चलाने के लिए किसी भी प्रकार की लाइन बनाने की आवश्यकता नहीं होती है। रोबोट को वाई-फाई सर्वर के जरिए लैपटॉप या स्मार्ट फोन से भी चलाया जा सकता है। एक बार चार्ज होने पर यह सात घंटे तक काम कर सकते हैं और इन्हें चार्ज होने में तीन घंटे का समय लगता है। ये रोबोट जयपुर के रोबोटिक्स एक्सपर्ट भुवनेश मिश्रा ने बनाए है। मिश्रा जयपुर में क्लब फस्र्ट नाम से कम्पनी चलाते है और ये रोबोट तैयार करते है। मिश्रा ने बताया कि ऐसे तीन रोबोट अभी हम अस्पताल को सेवा के लिए निशुल्क उपलब्ध करवा रहे है। जब जरूरत खत्म हो जाएगी, हम इसे वापस ले लेंगे। यह देश का पहला सर्विस रोबोट है। उन्होंने बताया कि अब तक हम ऐसे 25 रोबोट बना चुके है और देश में कई जगह होटलों और रेस्टोरेंटस में भी हमारे रोबोट काम कर रहे है। उन्होंने बताया कि यह रोबोट पूरी तरह भारतीय तकनीक और मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया रोबोट है। हम जरूरत के हिसाब से रोबोट तैयार करते है, जैसे कि हमारे रोबोट रेलवे की कोच फैक्ट्री में भी काम कर रहे है।
Comments
Post a Comment