कोरोना वायरस के कारण इन दिनों CAA-NRC विरोधी आवाज़ें दब सी गई हैं. प्रदर्शनकारी अब भी मैदान में मौजूद हैं लेकिन वो सुर्ख़ियों में नहीं हैं.
लेकिन उत्तर प्रदेश में अगर उन नागरिकों की मानें जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने अच्छे व्यवहार के लिए क़ानूनी तौर पर बाध्य किया है तो उनकी आवाज़ें दबी नहीं हैं बल्कि दबाई जा रही हैं.
इनमें से एक बिजनौर ज़िले में सहसपुर क़स्बे के ज़हीन अख़्तर हैं. वो लगभग 40,000 की आबादी वाले इस मुस्लिम क़स्बे के उन दर्जन भर लोगों में शामिल हैं जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने अच्छे व्यवहार के लिए एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराया है.
उन्हें पुलिस ने स्थानीय प्रशासन ने ये नोटिस 6 मार्च को भेजा. इस 100,000 रुपये वाले मुचलके में उन्हें हर 15 दिनों पर स्थानीय प्रशासन के सामने हाज़िर होने के आदेश दिए गए हैं.
वो सहसपुर नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं और कहते हैं कि वो एक प्रसिद्ध और ज़िम्मेदार नागरिक हैं और उनके ख़िलाफ़ इस नोटिस को जारी करने का कोई मतलब नहीं.
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