देहरादून, जेएनएन। एक तरफ जहां समाज का हर तबका कोरोना को लेकर चिंतित है, बौद्धिक वर्ग से ताल्लुख रखने वाले आइएफएस प्रशिक्षुओं का अजब ही रवैया सामने आया है। वह तब जांच में सहयोग कर रहे थे और न अब इलाज में। यहां तक की कोरोना संक्रमित होने के बावजूद वह मास्क नहीं पहन रहे। इसी असहयोग के चलते अस्पताल प्रशासन को उनकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करनी पड़ी। मामला उच्च स्तर तक पहुंचा तब कहीं स्थिति सामान्य हुई।
उत्तराखंड में अब तक तीन मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यह तीनों ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु आइएफएस हैं। यह लोग उस 28 सदस्यीय दल का हिस्सा थे जो हाल ही में शैक्षिक भ्रमण से स्पेन से लौटा है। पर इन लोग शुरू से ही स्वास्थ्य विभाग को सहयोग नहीं कर रहे हैं।
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