कोरोना वायरस के इलाज के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक टीके और दवा की खोज में लगे हुए हैं। इस बीच राहत की खबर यह है कि पहले से मौजूद दूसरी बीमारियों की सात दवाएं इस बीमारी के उपचार में फायदेमंद पाई गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस दवाओं के भी विस्तृत परीक्षण शुरू कर दिए हैं। इनमें से दो दवाओं को इस्तेमाल करने की सलाह भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी डॉक्टरों को दी है। 'इंटनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबियल एजेंट' में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया की दवा क्लोरोक्वीन के साथ एक एंटीबॉयोटिक एजिथ्रोमाइसिन देने से कोविड का तेज इलाज हो रहा है। शोध में पाया गया है कि क्लोरोक्वीन से करीब 25 फीसदी मरीज छह दिन में कोविड-19 के मरीज ठीक हो रहे हैं। तुलना उन मरीजों से की गई, जिन्हें अन्य दवाएं दी गई। क्लोरोक्वीन के साथ एजिथ्रोमाइसिन देने से परिणाम और बेहतर हैं। वर्ना उपचार में करीब 22 दिन का समय लगता है।
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