बीजिंग। जापान के योकोहामा में डायमंड प्रिंसेस पर फंसे हांगकांग के निवासियों को लाने के लिए हांगकांग की ओर से दो चार्टर उड़ानें भरी जाएंगी। हांगकांग एसएआर सरकार की ओर से घोषणा की गई है कि वो अपने क्रूज पर फंसे अपने निवासियों को लाने के लिए दो उड़ानें भरेगी, इन दोनों उड़ानों से जहाज पर सवार हांगकांग के 350 निवासियों को वापस लाया जाएगा। गुरुवार तक इन निवासियों को क्रूज से वापस ले आया जाएगा।
दो दिन पहले हांगकांग सरकार ने इसके बारे में घोषणा की थी अब ये तय किया गया है कि जल्द से जल्द इन निवासियों को वहां से लाकर अलग वार्ड में रख दिया जाए जिससे उनका इलाज हो सके। सब कुछ ठीक पाए जाने के बाद उनको डिस्चार्ज किया जाएगा। इससे पहले क्रूज कंपनी की ओर से जानकारी दी गई थी कि इस जहाज पर हांगकांग के लगभग 300 लोग सवार है।
मालूम हो कि कोरोना वायरस के मरीज पाए जाने के बाद इस विमान को योकोहामा में रोक दिया गया था। उसके बाद से ही ये हांगकांग सरकार से ये कहा गया था कि वो अपने नागरिकों को यहां से लेकर जाएं। तब हांगकांग ने जहाज से अपने यहां के निवासियों को सीधे चार्टर्ड विमान से ले जाने की पेशकश की थी। अब इस पर अमल होने जा रहा है।
चीन में अब तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 1782 तक पहुंच गई है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 72000 से ऊपर पहुंच गई है। कोरोना वायरस से प्रभावित हुए 6000 से अधिक लोग ठीक होकर अपने घरों को भी वापस जा चुके हैं। उधर राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) की भी चीन में फैले कोरोना वायरस पर नजर बनी हुई है। चीन के सैन्य डॉक्टर और अन्य टीमें इस वायरस पर नियंत्रण करने के लिए लगी हुई हैं।
रविवार को 25,633 डॉक्टरों के साथ 217 चिकित्सा टीमों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए हुबेई में भेजा गया था। ये डॉक्टर सेना की ओर से भेजे गए डॉक्टरों से अलग है। इस तरह से देखा जाए तो चीन में सेना और आम डॉक्टरों की संख्या कुल मिलाकर 50 हजार से अधिक हो चुकी है। WHO ने कोरोनावायरस का नया नाम COVID-19 दिया है। फिलहाल 25 से अधिक देशों में कोरोना के मरीज पाए जा रहे हैं।
फिलहाल WHO ने भी कोरोना को गंभीरता से लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार ने नए कोरोना वायरस के प्रसारण पर नजर रखने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि दुनिया की दो तिहाई आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकती है। उनका कहना है कि जिस तरह से अब दुनिया के बाकी देशों में कोरोना के मरीज पाए जा रहे हैं उससे यही लग रहा है कि ये दुनिया की दो तिहाई आबादी को अपनी चपेट में लेगा।
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