नई दिल्ली
निर्भया से गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियों की सुरक्षा पर जेल प्रशासन का हर दिन करीब 50 हजार रुपया खर्च हो रहा है। यह खर्च उसी दिन से शुरू हो गया था, जिस दिन से कोर्ट ने इन्हें फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वॉरंट जारी किए थे। सेल के बाहर हरदम तैनात किए गए 32 सिक्यॉरिटी गार्ड और फांसी देने के लिए किए जा रहे अन्य कई कामों में ये पैसा खर्च हो रहा है, सिक्यॉरिटी गार्ड की हर दो घंटे में शिफ्ट बदली जाती है, ताकि आराम कर सकें और सेल के बाहर खड़े अपनी नजरें बाज जैसी गड़ाए रखें।
जेल सूत्रों ने बताया कि चारों कातिलों को तिहाड़ की जेल नंबर-3 में अलग-अलग सेल में रखा गया है। हर दोषी के सेल के बाहर दो सिक्यॉरिटी गार्ड तैनात रहते हैं। इनमें से एक हिंदी और इंग्लिश का ज्ञान ना रखने वाला तमिलनाडु स्पेशल पुलिस का जवान और एक तिहाड़ जेल प्रशासन का होता है।
सूइसाइड या भागने का डर, अधिकारी चौकस
हर दो घंटे में इन गार्ड को आराम दिया जाता है। शिफ्ट बदलने पर दूसरे गार्ड तैनात किए जाते हैं। हर एक कैदी के लिए 24 घंटे के लिए आठ-आठ सिक्यॉरिटी गार्ड लगाए गए हैं। यानी चार कैदियों के लिए कुल 32 सिक्यॉरिटी गार्ड। यह 24 घंटे में 48 शिफ्ट में काम कर रहे हैं।
जेल अधिकारी बताते हैं कि डेथ वॉरंट जारी होने से पहले इन्हें अन्य कैदियों के साथ रखा जा रहा था, अलग से नहीं। डेथ वॉरंट जारी होने के बाद कहीं यह सूइसाइड ना कर लें, जेल से भागने की कोशिश ना करें या फिर किसी अन्य कोई ऐसी गतिविधि ना कर डालें, जो इन्हें फांसी देने से पहले बाधक बने। इसके लिए हर दो घंटे की शिफ्ट में डबल गार्ड लगाने के साथ ही सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
1 फरवरी को होनी है फांसी
इन्हें फांसी देने की नई डेट एक फरवरी को देखते हुए अब जल्लाद को 30 जनवरी को बुलाया जा रहा है, ताकि इससे पहले वह इन्हें फांसी देने के ट्रायल भी कर सके। बुधवार को पवन और विनय के परिवार ने दोनों से जेल में मुलाकात की थी। बुधवार को भी इनकी कानूनी मुलाकात कराई गई थी।
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