निर्भया के तीन दोषी विनय, अक्षय और पवन एक-दो दिन में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे, जिसमें इनके द्वारा जेल में किए गए अच्छे कामों का जिक्र किया जाएगा और अदालत को बताया जाएगा कि जेल में रहते दोषियों में सुधार हुआ है। इसलिए इनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया जाए।
विनय, अक्षय और पवन के वकील एपी सिंह ने बताया कि जेल से कागजात नहीं मिलने की वजह से क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने में देरी हो रही है। बुधवार को वह अपने मुवक्किलों से मिलने जेल पहुंचे थे। उनका आरोप है कि जेल नंबर तीन में बंद होने के बावाजूद काफी प्रयास के बाद उनसे मिलने का मौका मिला।
उन्हें याचिका दाखिल करने के लिए दोषियों से कागजात पर हस्ताक्षर करवाने था। उन्होंने बताया कि क्यूरेटिव पिटीशन में नए तत्थों को सामने रखना होता है। इसलिए जेल प्रशासन से जेल में रहते दोषियों के अच्छे कार्यों का ब्यौरा मांगा है। एपी सिंह ने बताया कि विनय ने जेल में रहते कई अच्छे काम किए हैं।
उसने तनावग्रस्त एक कैदी को खुदकुशी करने से बचाया है। वहीं, उसने कई अच्छी पेंटिंग भी बनाई हैं। वह ब्लड डोनेशन कैंप में भी शामिल हुआ। अक्षय जेल में सुधार कार्य के तहत चलाए जा रहे योगा शिविर में शामिल हुआ है।
निर्भया के दरिंदों का डेथ वारंट जारी करने वाले जज का सुप्रीम कोर्ट हुआ ट्रांसफर
निर्भया के दरिंदो का डेथ वारंट जारी करने वाले न्यायाधीश का बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट रजिस्टरी में ट्रांसफर हो गया। डेथ वारंट जारी करने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा को सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त रजिस्ट्रार के पद पर प्रतिनियुक्ति पर एक साल के लिए भेजा गया है।
इसकी पुष्टि पटियाला हाउस अदालत के जिला न्यायाधीश को हाईकोर्ट रजिस्ट्रार की ओर से भेजे गए पत्र से हो गई। इसमें उन्हें तुरंत प्रभाव से रिलीव करने के लिए कहा गया है। इस ट्रांसफर से पहले सतीश कुमार अरोड़ा निर्भया केस से जुड़ी अर्जियों व स्पेशल सेल के मामलों की सुनवाई कर रहे थे। इन मामलों की सुनवाई अब अन्य जज करेंगे।
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