दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होती जा रही है। शुक्रवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 500 के पार पहुंच गया। इसका मतलब स्थिति बेहद गंभीर और आपातकाल वाली है। चिंता की बात यह है कि इस प्रदूषण से हमारी जिंदगी के 10 साल तक कम हो रहे हैं।
राजधानी दिल्ली और एनसीआर की हवा में जहर घुलता ही जा रहा है। शुक्रवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 500 के पार पहुंच गया। इसका मतलब स्थिति बेहद गंभीर और आपातकाल वाली है। प्रदूषण की वजह से पूरे उत्तर भारत में नीला आसमां जैसे कहीं खो गया है। जहरीली हवा की वजह से कई जगह ऑफिस की टाइमिंग बदल गई है। वहीं, स्कूलों में छात्रों की अटेंडेंस भी गिर गई है। इस बीच, WHO की एक स्टडी सामने आई है, जिसके नतीजे खतरनाक हालात को बयां करते हैं। स्टडी से पता चला है कि यह प्रदूषण हमारी जिंदगी के 10 साल तक कम कर रहा है।
- दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर घुलता ही जा रहा है
- ऐसा पराली जलने और हवा की दिशा में बदलाव की वजह हो रहा
- शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर 500 पार तक पहुंचा, यह बेहद खतरनाक
- यह प्रदूषण हमारी जिंदगी के 10 साल तक कम कर रहा है
- आपको बता दें कि 0-50 तक का AQI 'अच्छा' माना जाता है। 51-100 तक 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और इससे ऊपर गंभीर श्रेणी में आता है। 500 के ऊपर AQI गंभीर और आपतकाल स्थिति के लिए होता है।
- एक अन्य स्टडी से पता चला है कि गंगा के मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी प्रदूषण के कारण 7 साल तक कम हो रही है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यूट ने 1998 से 2016 के दौरान स्टडी से यह नतीजा निकाला है। उसका कहना है कि यहां की हवा देश के बाकी हिस्सों से तीन गुना जहरीली है।
- दिल्ली के अलावा बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब, यूपी और वेस्ट बंगाल के लोग प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हैं। देश की 40 पर्सेंट आबादी यानी करीब 48 करोड़ लोग यहां रहते हैं। एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स के विश्लेषण से पता चला है कि 2016 तक यहां प्रदूषण 72 पर्सेंट बढ़ चुका था, जिससे लोगों की जिंदगी 3.4 साल से 7.1 साल तक कम हुई।
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ऐसे बढ़ सकती है 10 साल तक जिंदगी
इस स्टडी के मुताबिक, फिलहाल प्रदूषण दिल्ली, यूपी, हरियाणा जैसे राज्यों में लोगों की जिंदगी 10 साल तक कम कर रहा है। कहा गया है कि अगर भारत 25 फीसदी प्रदूषण कम कर सके तो जिंदगी 1.3 पर्सेंट तक बढ़ सकती है। - वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी प्रदूषण पर शोध किया है। उसने कुछ मानक तय किए हैं, जिनका पालन करके जिंदगी को 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। यहां नीचे कुछ राज्यों का जिक्र कर समझाया गया है कि कहां प्रदूषण कम करके जिंदगी के कितने साल बढ़ाए जा सकते हैं।
- एक हफ्ते अभी और जलती रहेगी पराली
खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण के बीच चिंता की बात यह है कि पराली अभी जलती रहेगी। 'सफर' का आकलन बता रहा है कि पराली के धुएं में कमी आने की अभी संभावना नहीं है। पराली जला रहे किसानों का भी कहना है कि अभी काफी पराली बची हुई है। इस समय पराली को लेकर जो ट्रेंड है, वह यह कि किसान सामूहिक रूप से पराली जला रहे हैं। रात के समय ज्यादा पराली जलाई जा रही है। इसकी वजह से किसानों पर कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है।
प्रदूषण होगा कम, जब ये काम करेंगे हम
दिल्ली-एनसीआर इस समय प्रदूषण की चपेट में है। गाजियाबाद इस मामले में देशभर में टॉप पर है। इस पर अंकुश पाने के लिए प्रशासन तो कदम उठा ही रहा है, लेकिन यह हमारा भी फर्ज है कि अपने शहर को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए कुछ करें। अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या और कुछ आदतों में बदलाव लाकर हम एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। हालांकि, कई लोग अपने स्तर पर ऐसी छोटी-छोटी कोशिशें कर भी रहे हैं, ताकि सांस लेने के लिए हर किसी को साफ हवा मिले।
इसमें कारपूल करना, वाहन को दुरुस्त रखना (ताकि वह प्रदूषण न फैलाए) आदि शामिल है। इसके अलावा हमें ज्यादा पौधे लगाने पर भी ध्यान देना होगा।
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