बीजेपी-शिवसेना की ही सरकार कह शरद पवार ने और बढ़ाया सस्पेंस


महाराष्ट्र में सरकार बनाने की डेडलाइन पूरी होने से पहले आज एनसीपी चीफ शरद पवार ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। एनसीपी प्रमुख ने स्पष्ट कहा कि शिवसेना से सरकार बनाने पर कोई बात नहीं हुई है। बीजेपी और शिवसेना की 25 साल से युति है और उन्हें ही सरकार बनाना चाहिए।


महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी संकट के बीच सबकी नजरें एनसीपी चीफ शरद पवार की तरफ लगी हैं। क्या कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर कोई गुप्त बातचीत चल रही है? बीजेपी को तेवर दिखा रही शिवसेना के पीछे क्या एनसीपी का हाथ है? शिवसेना नेता संजय राउत की आज पवार से एक हफ्ते के अंदर दूसरी मुलाकात के पीछे की वजह क्या है? बुधवार को शरद पवार मीडिया के सामने आए तो इन सारे सवालों पर उन्होंने और सस्पेंस बढ़ा दिया। महाराष्ट्र की राजनीति के माहिर खिलाड़ी पवार ने कहा कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने के लिए चुना है और उन्हें भरोसा है कि शिवसेना और बीजेपी आखिर मिलकर सरकार बना लेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि सरकार गठन के लिए बचे अंतिम दो दिनों में क्या होगा, यह कोई नहीं जानता।



  • एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, 'जनता ने बीजेपी-शिवसेना को दिया सरकार बनाने का जनादेश'

  • शिवसेना के साथ गठबंधन की अटकलों पर उन्होंने कहा, '25 साल से सेना बीजेपी का साथ है'

  • एनसीपी प्रमुख ने अयोध्या फैसले से पहले सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की भी अपील की

  • दिल्ली पुलिस की मांगों पर पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को पुलिसकर्मियों की चिंता समझनी चाहिए

  • आज सुबह ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की एनसीपी चीफ से मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाबत पूछे गए सवाल पर पवार ने कहा, 'हमें सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। मैं मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहा हूं। शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कहां से आती है? बीजेपी और शिवसेना का 25 साल से गठबंधन है और उन्हें ही सरकार बनानी चाहिए। महाराष्ट्र की जनता ने हमें जो आदेश दिया है उसके आधार पर कांग्रेस, एनसीपी विपक्ष में बैठेगी। सरकार बनाने पर जो भी गतिरोध है उसे दूर करना चाहिए और सेना और बीजेपी को सरकार बनानी चाहिए।'

  • राष्ट्रपति शासन से बचने को सिर्फ एक विकल्प'
    शरद पवार ने कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत आज मिले और हमने आगामी राज्यसभा के सत्र पर बात की। कई मसलों पर हमने बात की है, जिस पर हमारा रुख समान है। उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रपति शासन से बचने के लिए एक ही विकल्प है कि बीजेपी और शिवसेना सरकार बनाएं। गौरतलब है कि 'बीजेपी-शिवसेना की सरकार' वाला पवार का बयान शिवसेना पर दबाव बनाने की उनकी रणनीति भी हो सकती है। दरअसल, बीजेपी से सीएम पद न मिलने पर अगर शिवसेना अलग होती है तो उसे एनसीपी की जरूरत होगी। ऐसे में पवार ने गठजोड़ की स्थिति में अपना पलड़ा भारी रखने की कोशिश की है।

    'सालों से साथ बीजेपी-सेना, आज-कल में फिर होंगे साथ'
    इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना और बीजेपी के बीच मुंबई में बातचीत शुरू हो चुकी है। एनसीपी प्रमुख ने सरकार गठन पर कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि अगले एक-दो दिनों में इस संबंध में सूचना मिलेगी। सेना और बीजेपी का साथ दशकों का है और आज भी दोनों साथ ही हैं।' 8 तारीख महाराष्ट्र में सरकार बनाने की प्रक्रिया का आखिरी दिन है और उससे पहले एनसीपी चीफ ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।

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    अयोध्या पर फैसले से पहले शांति की अपील
    आज जब पवार मीडिया के सामने आए तो उन्होंने सबसे पहले अयोध्या, किसानों और दिल्ली में पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन पर बात की। एनसीपी चीफ ने अयोध्या मुद्दे पर फैसले से पहले कहा कि सामाजिक शांति पूरी तरह से बनी रहनी चाहिए। पवार ने कहा, 'फैसला कुछ भी आए, इससे किसी पक्ष को निराश नहीं होना चाहिए और न इसे अपने खिलाफ समझना चाहिए। हम सभी को शांति बनाए रखने और कानून पालन करने के दायित्व का निर्वाह करना है।' इसके साथ उन्होंने पुलिस बलों की सराहना करते हुए कहा कि वे बिना थके काम करते हैं और केंद्र सरकार को उनकी चिंता समझनी चाहिए। महाराष्ट्र में हुई अतिवृष्टि पर चिंता जाहिर करते हुए पवार ने किसानों की तत्काल सहायता की मांग केंद्र सरकार से की।

    दिल्ली पुलिस को समर्थन, केंद्र से पूछे सवाल
    महाराष्ट्र के दिग्गज नेता ने दिल्ली में पुलिस और वकीलों के बीच चल रहे विवाद को आधार बना केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'दिल्ली पुलिस और देशभर की पुलिस बिना थके दिन-रात काम करती है। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है और उनकी चिंताओं का समाधान होना चाहिए। मेरी पूरी सहानुभूति और समर्थन दिल्ली पुलिस के साथ है।'


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