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शिवसेना चाहे 4-5 सीट ही जीते, फिर भी बीजेपी हमारे बिना नहीं बना सकती सरकार: संजय राउत
बीजेपी के साथ गठबंधन की साझेदार शिवसेना ने इस बार 164 सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी दल के उम्मीदवारों का समर्थन किया था। राउत ने कहा कि बीजेपी बिना शिवसेना की सहायता से अगला सरकार नहीं बना सकती है।महाराष्ट्र चुनाव के परिणाम आने से पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने दिया बयानसंजय राउत ने किया महाराष्ट्र चुनाव में 100 से अधिक सीटों पर विजय का दावाराउत बोले- मिलकर जीतेंगे 200 से ज्यादा सीट, हमारे बिना नहीं बनेगी बीजेपी की सरकारशिवसेना ने 124 और बीजेपी ने सहयोगियों के साथ 164 सीट पर उतारे थे प्रत्याशीमहाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से एक दिन पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना के समर्थन के बिना बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने में सक्षम नहीं होगी, भले ही शिवसेना को 4-5 सीट सीटों पर ही जीत मिले। एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बात करते हुए वरिष्ठ शिवसेना नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने जिन 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से वह 100 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल होगी।ता दें कि बीजेपी के साथ गठबंधन की साझेदार शिवसेना ने इस बार 164 सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी दल के उम्मीदवारों का समर्थन किया था। राउत ने कहा कि बीजेपी बिना शिवसेना की सहायता से अगला सरकार नहीं बना सकती है चाहे शिवसेना 4-5 सीट ही क्यों न जीते।फडणवीस की जीत से शरद पवार के दौर को मिल सकती है चुनौतीबीजेपी ने राज्य में 164 सीटों पर चुनाव लड़ा है जिसमें छोटे सहयागी दलों के उम्मीदवार भी शामिल हैं। इन प्रत्याशियों ने भी कमल के निशान पर चुनाव लड़ा था। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एनडीए गठबंधन को आसानी से बहुमत मिलते हुए दिखाया गया है। इस गठबंधन में शिवसेना और अन्य पार्टियां शामिल हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 145 सीट की जरूरत है।एनडीए को मिलेंगी 200 से ज्यादा सीटें: राउतराउत ने कहा कि मेरा मानना है कि शिवसेना 100 सीटों पर जीत हासिल करेगी और बीजेपी-शिवसेना गठबंधन इस विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी। शिवसेना ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उस समय शिवसेना का चुनाव पूर्व गठबंधन बीजेपी के साथ नहीं था। इस चुनाव में बीजेपी ने 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दोनों ही पार्टियां बाद में सरकार में सहयोगी थी।महाराष्ट्र में अनुच्छेद 370, राम मंदिर मुद्दे गैरजरूरी: संजय राउत'शिवसेना-बीजेपी के बीच प्रेम-नफरत का रिश्ता'राउत ने यह स्वीकार किया कि शिवसेना और भाजपा के बीच 'प्रेम-नफरत' का संबंध है। उन्होंने कहा कि शिवसेना-बीजेपी का यह गठबंधन वोटों की गिनती के बाद भी नहीं टूटेगा। हालांकि बीजेपी और शिवसेना ने 2014 में अलग-अलग चुनाव लड़ा था लेकिन अब दोनों पार्टियां साथ हैं। यह एक तरफ से प्रेम-नफरत का संबंध है।
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