सीरिया में अमरीका की सैन्य नीति में बदलाव से भारी उठापटक की बात कही जा रही है. अमरीका ने उत्तर-पूर्वी सीरिया से अपने सैनिकों को बुलाने का फ़ैसला किया है.
हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप का यह फ़ैसला पेंटागन के अधिकारियों की सोच के उलट है, जो चाहते थे कि उत्तर-पूर्वी सीरिया में अमरीकी सैनिकों की छोटी संख्या मौजूद रहे. पेंटागन चाहता है कि उत्तर-पूर्वी सीरिया में अमरीका का इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ अभियान ख़त्म नहीं हो.
कहा जा रहा है कि अमरीका के इस क़दम से सीरिया में रूस और ईरान का प्रभाव बढ़ेगा. इस इलाक़े में अमरीका कुर्दों के साथ मिलकर इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ अभियान चलाता रहा है. दूसरी तरफ़ तुर्की कुर्द बलों को आतंकवादी कहता है. तुर्की लंबे समय से चाहता था कि अमरीका कुर्दों के साथ सहयोग बंद करे.
कुर्दिश लड़ाका सीरियाई डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज यानी एसडीएफ़ के हिस्सा रहे हैं और यह धड़ा सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ अमरीका का सबसे विश्वसनीय साथी रहा है.
अमरीका के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन से सीधे बात की है. तुर्की सीरिया में कुर्दों के ख़िलाफ़ सैन्य ऑपरेशन चला सकता है लेकिन अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इसका दायरा कितना बड़ा होगा.
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