एचडीआईएल के डायरेक्टर सारंग वाधवन और राकेश वाधवन को आर्थिक अपराध शाखा नेपीएमसी बैंक मामले में गिरफ्तार किया है. साथ ही उनकी 3500 करोड़ रुपये की संपत्ति को भी जब्त किया है.
बता दें, मुंबई पुलिस ने पीएमसी बैंक मामले में एचडीआईएल के प्रवर्तकों और बैंक के पूर्व प्रबंधन के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया था और विशेष जांच दल की ओर से मामले की जांच कराने की बात कही थी.
आरोपों में कहा गया है कि बैंक प्रबंधन ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण को छुपाया जिससे बैंक का कम से कम 4355 करोड़ रुपये लोन एनपीए हो गया. बैंक के 44 लोन का फायदा तो सिर्फ एक रियल एस्टेट कंपनी और उसकी समूह की कंपनियों को हुआ है.
गौरतलब है कि कर्ज में डूबी रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल अब इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्शी कोड (IBC) के तहत इनसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग का सामना कर रही है. कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के विफल हो जाने के बाद कंपनी गंभीर रूप से नकदी संकट का सामना कर रही है. पीएमसी के अलावा कंपनी को बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक और देना बैंक ने कर्ज दे रखा था.
अभी हाल में शेयर बाजारों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए एचडीआईएल ने कहा कि उसके बही खातों का ऑडिट किया जा रहा है. एचडीआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सारंग वाधवन ने शेयर बाजार को बताया, कंपनी ने सामान्य कारोबार प्रक्रिया के रूप में पीएमएसी बैंक सहित अन्य बैंकों और संस्थानों से ऋण सुविधा का लाभ लिया है. पुलिस ने बताया है कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि 2008 से बैंक का घाटा 4,355.46 करोड़ रुपये हो चुका है.
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