चीन ने सैन्य परेड में दिखाई अपनी ताकत

चीन ने कम्युनिस्ट शासन के 70 साल पूरे होने पर मंगलवार को विशाल सैन्य परेड के साथ-साथ अपने घातक हथियारों, मिसाइलों का प्रदर्शन किया। चीन के इस परेड को दुनिया के सामने शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। खासतौर पर उसकी मिसाइलें दुनिया को हैरान कर रही है। चीन ने जिन मिसाइलों का प्रदर्शन किया, उनमें इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलें डोंगफेंग-41 और डोंगफेंग-17 भी शामिल थीं, जो 15 हजार किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती हैं। डीएफ-41 दुनिया की सबसे दूरी तक मार करने वाली मिसाइल मानी जाती है। चीन ने पहली बार इस मिसाल को परेड में दिखाया।



सैन्य परेड में चीन ने अपने आधुनिक और बहुत शक्तिशाली हथियारों का प्रदर्शन किया। इन हथियारों में फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट कैरियर, सुपरसॉनिक मिसाइल और न्यूक्लियर क्षमता से लैक पनडुब्बियों का प्रदर्शन किया गया। बता दें कि चीन में गृहयुद्ध के बाद 1 अक्टूबर 1949 को माओत्से तुंग ने पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की घोषणा की थी।


परमाणु और हाइपरसॉनिक मिसाइलों समेत अपने सबसे आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन चीन ने मिलिटरी परेड में किया। इसमें DF-41 भी शामिल है। यह दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलों में शामिल है जिसकी मारक क्षमता बहुत अधिक है। जानकारों का कहना है कि यह मिसाइल कुछ ही मिनटों में चीन से यूएस तक पहुंच सकती है।



इस मिसाइल को विश्व की सबसे लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल माना जा रहा है, जिसकी मारक क्षमता 15,000 किमी. तक है। विश्लेषकों के मुताबिक इस मिसाइल पर एक साथ 10 वॉरहेड्स फिट किए जा सकते हैं जो एक साथ अलग-अलग टारगेट को ध्वस्त करने में सक्षम हैं।


पहली बार परेड में दिखी DF-17 मिसाइल
मंगलवार को हुई हथियारों की प्रदर्शनी में डोंगफेंग-17 पर सबकी नजर टिक गई। चीन ने पहली बार किसी परेड में अपनी इस घातक मिसाइल का प्रदर्शन किया है। यह न्यूक्लियर क्षमता से लैस ग्लाइडर है। विदेशी विश्लेषकों का कहना है कि इस ग्लाइडर की ताकत इसकी हाई स्पीड है। यह अपनी बहुत ही तेज गति की वजह से ऐंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी भेद सकती है।


संख्याबल के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी सेना है PLA
चीन अपनी सेना पर खर्च के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे पायदान पर है। स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPR) के अनुमान के मुताबिक चीन ने पिछले साल अपनी सेना पर 250 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे। अमेरिकी सेना में 13 लाख जवान, अफसर हैं। चीन ने पिछले साल अपनी सेना पर करीब 650 अरब डॉलर खर्च किए थे जो चीन की तुलना में ढाई गुना से ज्यादा है। SIPR के मुताबिक, चीन के पास करीब 280 परमाणु हथियार हैं, जबकि अमेरिका के पास 6450 और रूस के पास 6850 परमाणु हथियार हैं।


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