क्या मस्जिदों में भी कमल के निशान होते हैं?

 


 


जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को बड़ी टिप्पणी की. चीफ जस्टिस ने कहा कि अयोध्या केस में सुनवाई 18 अक्टूबर तक खत्म होना जरूरी है. अगर सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी नहीं हुई तो फैसला देने का चांस खत्म हो जाएगा. चीफ जस्टिस ने कहा कि अयोध्या केस में सुनवाई 18 अक्टूबर तक खत्म होनी जरूरी है. अगर सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी नहीं हुई तो फैसला देने का चांस खत्म हो जाएगा.
अरोड़ा ने कहा कि वहां पर 383 आर्किटेक्चर अवशेष मिले थे, जिसमेँ से 40 को छोड़कर कोई भी मंदिर का हिस्सा नहीं कहा जा सकता. शिलाओं पर बने कमल के निशान पर अरोड़ा ने कहा कि ऐसा नहीं कहा जा सकता कि वह मंदिर ही है क्योंकि वह जैन, मुस्लिम बौद्ध और हिंदू धर्मों के भी पवित्र चिन्ह हो सकते है.
अगर वो एक ही सतह वाले आधार पर थे तो ऊंचाई अलग-अलग होने का क्या मतलब? उन्होंने कहा कि वो पश्चिमी दिशा वाली दीवार ईदगाह की क्यों नहीं हो सकती? ऐसा मानने में क्या हर्ज है? क्योंकि वो दीवार बिल्कुल अलग और अकेली है और खंभे बिल्कुल अलग हैं. वो खंभे खोखली जगह पर ईंटों की जमावट से भी बनाए गए हो सकते हैं.रंजन गोगोई ने वकीलों से कहा कि दलील के बीच में अपनी बात आखिरी दिन या सुनवाई के दौरान में कभी बोल सकते हैं. जो वकील अपना मुद्दा उठाना चाहते हैं उन्हें चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर हम बहस करते जाएंगे तो क्या मेरे कार्यकाल के आखिरी दिन तक बहस होगी?


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